संस्था:
म. प्र. के स्वयंसेवी संस्थाओं को मान्यता प्रदान किये जाने के लिए आयुक्त, सामाजिक
न्याय को सक्षम प्राधिकारी बनाया गया हैं।
अधिनियम के प्रावधानों के तहत विभागीय जिला अधिकारी सामाजिक न्याय को रजिस्ट्रीकरण
प्रमाण पत्र स्वयंसेवी संस्थाओं को जारी किये जाने हेतु सक्षम प्राधिकारी बनाया गया
हैं।
रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र की वैधता 3 वर्ष तक जारी किये जाने के दिनांक से वैद्य रहेगी।
सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाण्ा पत्र देने से इंकार करने या प्रमाण पत्र खारिज करने
के आदेश के तारतम्य में 30 दिवस की कालावधि में राज्य शासन को अपील प्रस्तुत किये
जाने का प्रावधान किया गया हैं।
गंभीर रूप से दिव्यांगजनों के लिए संस्था :
म. प्र. के स्वयंसेवी संस्थाओं को मान्यता प्रदान किये जाने के लिए आयुक्त, सामाजिक
न्याय को सक्षम प्राधिकारी बनाया गया हैं।
गंभीर रूप से मानसिक नि:शक्त व्यक्तियों के शिक्षण प्रशिक्षण के लिए इन्दौर एवं
जबलपुर में शासकीय संस्थाओं का संचालन किया जाता हैं।
स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से गंभीर रूप से मानसिक नि:शक्त बच्चों के लिए जिला
भोपाल,विदिशा,इन्दौर,राजगठ,शाजापुर,ग्वालियर,देवास,बुरहानपुर एवं मण्डला में गतिविधियां
संचालित की जाती हैं।
नि:शक्त कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं/ व्यक्तियों के लिए
दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित, अस्थित बाधित एवं मानसिक मंदता के क्षेत्र में पृथक पृथकं
'महर्षि दघीचि' पुरस्कार राज्य स्तर पर प्रारंभ किया गया है । इसमें प्रत्येक क्षेत्र
में प्रथम पुरस्कार रू. 1.00 लाख द्वितीय 50 हजार एवं तृतीय पुरस्कार 25 हजार एवं प्रशस्ति
पत्र दिये जाने का प्रावधान है।