स्पर्श अभियान : विक्षिप्तों के पुनर्वास की कार्यवाही
विक्षिप्तों के पुनर्वास की कार्यवाही :
दैनिक भास्कर /पत्रिका समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार दिनांक 14-3-2011 को श्रीमती
हेमलता हेमबाडकर आयु 55 वर्ष निवासी सरिता काम्पलेक्स, पांच नम्बर बस स्टाप के पास,भोपाल
जो मानसिक रूप से अविकसित एवं विक्षिप्त हैं की जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं
है। विक्षिप्त लोगों के लिए कुछ करने का सुझाव है :-
- चिकित्सकों द्वारा अपनी जांच में हेमलता को साइकोसिस की शिकायत होना बताया है। डॉक्टरों
की राय है कि यदि उन्हें लगातार एवं नियमित रूप से इलाज मिले तो उनकी बीमारी दूर हो
सकती है।
- मानसिक रूप से बीमार रोगियों के लिए सामाजिक न्याय विभाग की ओर से कोई संस्था संचालित
नहीं है। मानसिक रोग से बीमार व्यक्तियों के इलाज एवं देखरेख हेतु स्वास्थ्य विभाग
द्वारा कार्यवाही की जाती है। बीमार व्यक्तियों को मानसिक चिकित्सालय के माध्यम से
मनोचिकित्सक के परामर्श की आवश्यकता होती है। विक्षिप्त रोगियों का मानसिक स्वास्थ्य
अधिनियम 1987 के प्रावधानों के अन्तर्गत मानसिक चिकित्सालय,ग्वालियर में कस्टडी के
लिए न्यायिक मजिस्टे्रट (मुखय न्यायिक दण्डाधिकारी) से आदेश प्राप्ति के उपरान्त चिकित्सालय
में प्रवेश की कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में मानसिक चिकित्सालय ,ग्वालियर में
है।
- माननीय मुखय मंत्रीजी द्वारा सामाजिक न्याय विभाग की समीक्षा बैठक दिनांक 10-1-2011
में यह निर्देश दिये गये थे कि विक्षिप्त पुरूष /महिलाओं के लिए आश्रम स्थापित किये
जाये । इस हेतु सर्वप्रथम लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के साथ एक बैठक आयोजित
कर ग्वालियर में इसके पश्चात् प्रदेश में एवं संस्था खोलने तथा एक या दो स्थानों पर
ऐसे विक्षिप्त लोगों के लिए चिकित्सालय अथवा अन्य कोई ऐसा केन्द्र स्थापित करने पर
विचार किया जा रहा है जो पूर्ण रूप से मानसिक रूप से विक्षिप्त नहीं है लेकिन परिवार
द्वारा उनका त्याग कर दिया गया है का पुनर्वास किया जा सके। यह सरकार इस विषय पर गंभीरता
से विचार कर रही है। एक अच्छी संस्था खोलने की कार्यवाही की जावेगी।